पीसीबी (PCB ) क्या है?,पीसीबी के प्रकार, पीसीबी का उपयोग,पीसीबी(PCB) कैसे बनती है?,pcb ,types of PCB ,PCB design process ,pcb fabrication process
हेलो दोस्तों , अगर अआप electronics के बारे में रूचि रखते है तो आपको पता होगा की PCB क्या होती है। और इसमें काम करना कितना interesting होता है हेना। क्या ,आपको नहीं पता की PCB क्या होती है। चलो कोई बात नहीं आज की पोस्ट में हम बताएँगे की PCB क्या होतो है।
पीसीबी (PCB) का पूरा नाम "प्रिंटेड सर्किट बोर्ड" (Printed Circuit Board) होता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक घटक है जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों में उपयोग होता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
पीसीबी (PCB ) क्या है?
पीसीबी एक सपाट प्लेट होती है जिसमें विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक घटकों (जैसे कि रेसिस्टर, कैपेसिटर, ट्रांजिस्टर, आदि) को जोड़ने और सपोर्ट करने के लिए कंडक्टिव ट्रैक्स, पैड्स और अन्य सुविधाएँ होती हैं। ये घटक पीसीबी पर स्थित होते हैं और एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं ताकि एक पूरा सर्किट बनाया जा सके। chatGPT क्या है
1. बेस मटेरियल (substrate)
यह पीसीबी का सबसे निचला हिस्सा होता है, जो आमतौर पर एक इंसुलेटिंग मटेरियल (जैसे कि FR4) से बना होता है। FR4 एक प्रकार का फाइबरग्लास होता है।
2. कंडक्टिव लेयर(Copper Layer)
बेस मटेरियल के ऊपर एक पतली कंडक्टिव लेयर होती है, जो आमतौर पर कॉपर से बनी होती है। यह लेयर सर्किट ट्रैक्स और पाथवे बनाने के लिए उपयोग होती है।
3. सोल्डर मास्क(Solder Mask)
कंडक्टिव लेयर के ऊपर सोल्डर मास्क होता है, जो पीसीबी को शॉर्ट सर्किट और अन्य क्षतियों से बचाने के लिए होता है। यह आमतौर पर हरा रंग का होता है, लेकिन यह अन्य रंगों में भी हो सकता है।
4. सिल्कस्क्रीन(Silk Screen)
यह पीसीबी की सबसे ऊपरी लेयर होती है, जिसमें लेबल, प्रतीक और अन्य मार्किंग्स होती हैं जो घटकों की पहचान और उन्हें सही स्थान पर लगाने में मदद करती हैं। blockchain technolgy क्या है
पीसीबी के प्रकार
1. सिंगल-साइडेड पीसीबी
इसमें केवल एक तरफ कंडक्टिव लेयर होती है।
2. डबल-साइडेड पीसीबी
इसमें दोनों तरफ कंडक्टिव लेयर होती हैं और घटक दोनों तरफ लगाए जा सकते हैं।
3. मल्टी-लेयर पीसीबी
इसमें दो से अधिक कंडक्टिव लेयर होती हैं, जो एक दूसरे के ऊपर होती हैं और इंसुलेटिंग मटेरियल की लेयर से अलग होती हैं।
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पीसीबी का उपयोग
कंप्यूटर और मोबाइल फोन
पीसीबी कंप्यूटर, लैपटॉप, और मोबाइल फोन के अंदर उपयोग होते हैं।
गृह उपकरण
टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन आदि में पीसीबी का उपयोग होता है।
औद्योगिक मशीनें
विभिन्न औद्योगिक मशीनों और उपकरणों में भी पीसीबी का उपयोग होता है।
ऑटोमोटिव
कारों और अन्य वाहनों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पीसीबी का उपयोग होता है।
पीसीबी(PCB) कैसे बनती है
1. डिजाइन
सबसे पहले पीसीबी का डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर की मदद से तैयार किया जाता है।
2. फैब्रिकेशन
डिज़ाइन के अनुसार बेस मटेरियल पर कंडक्टिव लेयर प्रिंट की जाती है।
3. एसेम्बली
घटक पीसीबी पर लगाए जाते हैं और सोल्डर किए जाते हैं।
4. टेस्टिंग
अंत में, पीसीबी को टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सही तरीके से काम कर रही है।
पीसीबी आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके बिना आज के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस संभव नहीं होते।
पीसीबी डिजाइन करना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के लेआउट को तैयार करना शामिल होता है ताकि इसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर लागू किया जा सके। यहां पीसीबी डिजाइन की प्रक्रिया को सरल और विस्तार से बताया गया है: 3 डी printing क्या है
पीसीबी डिजाइन प्रक्रिया
सर्किट डिज़ाइन तैयार करना:
- स्कीमैटिक कैप्चर सबसे पहले, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का स्कीमैटिक डायग्राम तैयार किया जाता है। इसमें सभी घटकों और उनके आपसी कनेक्शन को दिखाया जाता है। इसके लिए EDA (Electronic Design Automation) सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है, जैसे कि KiCad, Eagle, Altium Designer, आदि।
घटक चयन
- स्कीमैटिक तैयार करने के बाद, सभी इलेक्ट्रॉनिक घटकों (रेसिस्टर, कैपेसिटर, आईसी, ट्रांजिस्टर, आदि) को चयनित किया जाता है और उनके पैरामीटर (वैल्यू, पिन कनेक्शन, आदि) निर्धारित किए जाते हैं।
पीसीबी लेआउट डिज़ाइन
- कंपोनेंट प्लेसमेंट: पीसीबी सॉफ़्टवेयर में सभी घटकों को स्कीमैटिक के अनुसार प्लेस किया जाता है। इसमें घटकों को इस तरह से रखा जाता है कि ट्रैक्स का लेआउट सही और आसान हो।
- रूटिंग: इसके बाद कंडक्टिव ट्रैक्स को डिज़ाइन किया जाता है जो विभिन्न घटकों को आपस में जोड़ते हैं। रूटिंग करते समय ट्रैक की चौड़ाई, पिच, और दूरी का ध्यान रखना होता है।
डीआरसी (Design Rule Check)
- रूटिंग पूरी होने के बाद, डिजाइन रूल चेक (DRC) किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीसीबी डिज़ाइन में कोई त्रुटि नहीं है, जैसे कि ट्रैक्स के बीच बहुत कम दूरी, गलत कनेक्शन आदि। Ethical hacking क्या है
जेरबर फाइल जनरेट करना
- पीसीबी लेआउट डिज़ाइन फाइनल होने के बाद, जेरबर फाइलें बनाई जाती हैं। ये फाइलें मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक होती हैं और इनमें पीसीबी के हर लेयर की जानकारी होती है।
पीसीबी फैब्रिकेशन
- जेरबर फाइलें मैन्युफैक्चरर को भेजी जाती हैं, जो इन फाइलों का उपयोग करके पीसीबी बनाते हैं। इसमें बेस मटेरियल पर कंडक्टिव ट्रैक्स प्रिंट करना, लेयर को जोड़ना, सोल्डर मास्क और सिल्कस्क्रीन अप्लाई करना शामिल है।
पीसीबी असेम्बली
- तैयार पीसीबी पर सभी घटकों को सोल्डर किया जाता है। यह प्रक्रिया मैन्युअल या ऑटोमेटिक पिक एंड प्लेस मशीनों द्वारा की जा सकती है।
टेस्टिंग और वेरिफिकेशन
- अंत में, पीसीबी को विभिन्न टेस्टिंग प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सही तरीके से काम कर रही है। इसमें विजुअल इंस्पेक्शन, इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग, और फंक्शनल टेस्टिंग शामिल हैं।
पीसीबी डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर
पीसीबी डिज़ाइन के लिए विभिन्न सॉफ़्टवेयर उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- KiCad: यह एक ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर है जो स्कीमैटिक कैप्चर और पीसीबी लेआउट डिज़ाइन दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।
- Eagle: यह एक लोकप्रिय सॉफ़्टवेयर है जो छोटे और मीडियम साइज पीसीबी डिज़ाइन के लिए उपयोग होता है।
- Altium Designer: यह एक पेशेवर सॉफ़्टवेयर है जो बड़े और जटिल पीसीबी डिज़ाइन के लिए उपयोग होता है।
- OrCAD: यह एक और पेशेवर सॉफ़्टवेयर है जो बड़ी कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
सुझाव
- सही सॉफ़्टवेयर का चयन करें: आपके प्रोजेक्ट की जटिलता और आवश्यकताओं के अनुसार सही सॉफ़्टवेयर का चयन करें।
- डिज़ाइन रूल्स का पालन करें: पीसीबी डिजाइन करते समय हमेशा डिज़ाइन रूल्स और गाइडलाइन्स का पालन करें ताकि त्रुटियों से बचा जा सके।
- टेस्टिंग पर ध्यान दें: डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग के बाद पीसीबी की सही तरीके से टेस्टिंग करें।
पीसीबी डिजाइन एक तकनीकी और सावधानीपूर्वक करने वाली प्रक्रिया है, लेकिन सही उपकरण और ज्ञान के साथ इसे सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
PCB Fabrication Process
पीसीबी (Printed Circuit Board) के डिजाइन के बाद फेब्रिकेशन (निर्माण) प्रक्रिया शुरू होती है। यह प्रक्रिया जटिल है और कई चरणों में की जाती है ताकि उच्च गुणवत्ता वाली और त्रुटि-मुक्त पीसीबी तैयार की जा सके। यहां पीसीबी फेब्रिकेशन प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है:
1. डिज़ाइन और प्री-प्रोडक्शन
- जेरबर फाइलें जनरेट करना: पीसीबी डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर में तैयार की गई स्कीमैटिक और लेआउट से जेरबर फाइलें बनाई जाती हैं। ये फाइलें पीसीबी के हर लेयर की जानकारी देती हैं।
- डिजाइन रिव्यू: जेरबर फाइलों की समीक्षा की जाती है ताकि कोई भी त्रुटि न रह जाए। डिज़ाइन रूल चेक (DRC) और इलेक्ट्रिकल रूल चेक (ERC) भी शामिल होते हैं।
2. बेस मटेरियल तैयार करना
- बेस मटेरियल: पीसीबी का बेस मटेरियल (आमतौर पर FR4, एक प्रकार का फाइबरग्लास) तैयार किया जाता है। इसमें एक इंसुलेटिंग लेयर होती है जिसके दोनों तरफ पतली कॉपर फॉयल होती है।
3. प्रिंटिंग इनर लेयर्स (मल्टी-लेयर पीसीबी के लिए)
- फोटोरेजिस्ट एप्लीकेशन: बेस मटेरियल पर एक फोटोरेजिस्ट (एक प्रकार का प्रकाश-संवेदनशील मटेरियल) लेयर लगाई जाती है।
- यूवी लाइट एक्सपोजर: फोटोरेजिस्ट को यूवी लाइट के संपर्क में लाया जाता है, जिससे डिज़ाइन के अनुसार आवश्यक पैटर्न बनते हैं।
- डेवलपिंग: फोटोरेजिस्ट को डेवलपिंग केमिकल से वॉश किया जाता है ताकि अनवांटेड फोटोरेजिस्ट हट जाए और केवल डिज़ाइन के अनुसार पैटर्न रह जाए।
4. एचिंग (कॉपर हटाना)
- कॉपर एचिंग: जहां फोटोरेजिस्ट नहीं होता, वहां से अनवांटेड कॉपर कोमिकल्स (जैसे कि फेरिक क्लोराइड) से हटाया जाता है। इस प्रकार केवल डिज़ाइन के अनुसार कॉपर पैटर्न रह जाता है।
- फोटोरेजिस्ट रिमूवल: बचा हुआ फोटोरेजिस्ट हटा दिया जाता है ताकि केवल कॉपर ट्रैक्स रह जाएं।
5. लेयर अलाइनमेंट और लमिनेशन (मल्टी-लेयर पीसीबी के लिए)
- लेयर अलाइनमेंट: सभी इनर लेयर्स को एकत्र किया जाता है और उन्हें अलाइन किया जाता है ताकि वे एक दूसरे के साथ सही से मेल खाएं।
- लमिनेशन: सभी लेयर्स को एक साथ लमिनेट किया जाता है। इसमें उच्च तापमान और दबाव का उपयोग किया जाता है ताकि सभी लेयर्स एक मजबूत बॉन्ड में बंध जाएं।
6. ड्रिलिंग
- ड्रिलिंग: पीसीबी पर विभिन्न छेद (होल्स) ड्रिल किए जाते हैं, जो विभिन्न लेयर्स और घटकों को जोड़ने के लिए आवश्यक होते हैं।
7. प्लेटिंग और सोल्डर मास्क एप्लीकेशन
- प्लेटिंग: ड्रिल किए गए होल्स और अन्य आवश्यक क्षेत्रों पर कॉपर प्लेटिंग की जाती है ताकि अच्छा कंडक्शन हो सके।
- सोल्डर मास्क: सोल्डर मास्क (आमतौर पर हरा रंग) लगाया जाता है ताकि अनवांटेड सोल्डर ब्रिज और शॉर्ट सर्किट से बचा जा सके।
8. सिल्कस्क्रीन प्रिंटिंग
- सिल्कस्क्रीन प्रिंटिंग: पीसीबी पर घटकों की पहचान, लोगो, और अन्य आवश्यक मार्किंग्स को प्रिंट किया जाता है।
9. फाइनल फिनिशिंग
- फाइनल फिनिशिंग: कॉपर को ऑक्सीडेशन से बचाने के लिए फिनिशिंग (जैसे कि HASL, ENIG, आदि) की जाती है।
- ट्रिमिंग और वेरिफिकेशन: पीसीबी के किनारों को ट्रिम किया जाता है और फाइनल वेरिफिकेशन किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीसीबी सही तरीके से तैयार हुई है।
10. टेस्टिंग और क्वालिटी कंट्रोल
- इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग: पीसीबी की इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी कनेक्शन सही हैं।
- विजुअल इंस्पेक्शन: पीसीबी की विजुअल इंस्पेक्शन की जाती है ताकि कोई भी फिजिकल डिफेक्ट ना रह जाए।
11. असेंबली और पैकेजिंग
- असेंबली: पीसीबी पर सभी घटकों को सोल्डर किया जाता है।
- पैकेजिंग: तैयार पीसीबी को पैक किया जाता है और शिपिंग के लिए तैयार किया जाता है।
इस प्रक्रिया के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली और विश्वसनीय पीसीबी तैयार की जाती हैं, जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग की जाती हैं।
पीसीबी (Printed Circuit Board) पर कंपोनेंट्स को असेंबल करने की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित चरणों में बांट सकते हैं:
पीसीबी असेंबली प्रक्रिया (PCB Assembly Process)
पीसीबी डिज़ाइन (PCB Design)
- सबसे पहले, पीसीबी का डिज़ाइन तैयार किया जाता है जिसमें सर्किट डायग्राम और लेआउट शामिल होते हैं।
- डिज़ाइन तैयार करने के लिए ईसीएडी (ECAD) सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है।
सामग्री की खरीदारी (Procurement of Materials)
- डिज़ाइन के आधार पर आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और पीसीबी सब्सट्रेट (substrate) की खरीदारी की जाती है।
- सुनिश्चित किया जाता है कि सभी कंपोनेंट्स सही मात्रा और गुणवत्ता के हों।
सोल्डर पेस्ट एप्लीकेशन (Solder Paste Application)
- पीसीबी के सोल्डर पैड्स पर सोल्डर पेस्ट लगाया जाता है।
- सोल्डर पेस्ट में टिन, लेड और फ्लक्स होता है जो सोल्डरिंग के दौरान कंपोनेंट्स को जोड़ने में मदद करता है।
कंपोनेंट प्लेसमेंट (Component Placement)
- कंपोनेंट्स को पीसीबी पर सही स्थानों पर रखा जाता है।
- यह प्रक्रिया मैन्युअल (छोटे पैमाने पर उत्पादन के लिए) या ऑटोमैटिक पिक-एंड-प्लेस मशीनों द्वारा (बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए) की जाती है।
रिफ्लो सोल्डरिंग (Reflow Soldering)
- पीसीबी को रिफ्लो ओवन में रखा जाता है जहां तापमान बढ़ाया जाता है और सोल्डर पेस्ट पिघल कर कंपोनेंट्स को पीसीबी से जोड़ता है।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी कंपोनेंट्स ठीक से सोल्डर हो जाएं।
निरीक्षण और क्वालिटी कंट्रोल (Inspection and Quality Control)
- सोल्डरिंग के बाद, पीसीबी का निरीक्षण किया जाता है ताकि कोई गलती न हो।
- AOI (Automated Optical Inspection) और X-ray निरीक्षण का उपयोग करके सोल्डर जॉइंट्स और कंपोनेंट्स की स्थिति की जांच की जाती है।
मैन्युअल सोल्डरिंग (Manual Soldering)
- कुछ विशेष कंपोनेंट्स जिन्हें मशीन से नहीं जोड़ा जा सकता, उन्हें मैन्युअल सोल्डरिंग द्वारा जोड़ा जाता है।
- यह प्रक्रिया कुशल टेक्नीशियंस द्वारा की जाती है।
कार्यात्मक परीक्षण (Functional Testing)
- assembled पीसीबी का कार्यात्मक परीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सर्किट सही तरीके से काम कर रहा है।
- इसमें विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल टेस्ट शामिल होते हैं।
फाइनल असेंबली और पैकेजिंग (Final Assembly and Packaging)
- पीसीबी को अंतिम उत्पाद में असेंबल किया जाता है और पैकेजिंग के लिए तैयार किया जाता है।
- इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि उत्पाद ग्राहक तक सुरक्षित पहुंचे।
निष्कर्ष (Conclusion)
पीसीबी असेंबली प्रक्रिया एक जटिल लेकिन आवश्यक प्रक्रिया है जो उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रत्येक चरण को ध्यानपूर्वक और सटीकता से किया जाना चाहिए ताकि अंतिम उत्पाद विश्वसनीय और प्रभावी हो।
पीसीबी (Printed Circuit Board) का परीक्षण प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि पीसीबी ठीक से काम कर रहा है और किसी भी प्रकार की त्रुटि या दोष नहीं है। इसे विभिन्न चरणों में बांटा जा सकता है:
पीसीबी परीक्षण प्रक्रिया (PCB Testing Process)
विजुअल निरीक्षण (Visual Inspection):
- सबसे पहले, पीसीबी का मैन्युअल या ऑटोमैटिक विजुअल निरीक्षण किया जाता है।
- इस चरण में पीसीबी पर किसी भी दृश्य दोष, जैसे गलत तरीके से लगे कंपोनेंट्स, खराब सोल्डर जॉइंट्स या ट्रैक कट्स आदि की जांच की जाती है।
ऑटोमेटेड ऑप्टिकल इंस्पेक्शन (Automated Optical Inspection - AOI)
- AOI मशीनों का उपयोग करके पीसीबी की सतह का उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरों से निरीक्षण किया जाता है।
- यह मशीनें स्वचालित रूप से सोल्डर जॉइंट्स, कंपोनेंट्स की स्थिति, और ट्रेस की स्थिति की जांच करती हैं।
- AOI त्रुटियों का पता लगाने के लिए कंप्यूटर विज़न का उपयोग करती है।
एक्स-रे निरीक्षण (X-ray Inspection)
- एक्स-रे निरीक्षण का उपयोग उन सोल्डर जॉइंट्स की जांच के लिए किया जाता है जो विजुअल या AOI निरीक्षण से नहीं देखे जा सकते, जैसे BGA (Ball Grid Array) कंपोनेंट्स के तहत।
- यह निरीक्षण सोल्डर की गुणवत्ता और कनेक्शन की स्थिति की जांच करने में मदद करता है।
इन-सर्किट टेस्टिंग (In-Circuit Testing - ICT)
- ICT का उपयोग पीसीबी पर प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की विद्युत विशेषताओं को जांचने के लिए किया जाता है।
- इस परीक्षण में पिन-पॉइंटेड प्रॉब्स का उपयोग करके कंपोनेंट्स के सही कनेक्शन और कार्यशीलता की जांच की जाती है।
- ICT आमतौर पर खुले सर्किट, शॉर्ट सर्किट, रेजिस्टेंस, कैपेसिटेंस, और अन्य मापदंडों की जांच करता है।
फंक्शनल टेस्टिंग (Functional Testing)
- फंक्शनल टेस्टिंग में पीसीबी को एक परीक्षण उपकरण से जोड़ा जाता है जो इसे वास्तविक जीवन परिस्थितियों में चलाता है।
- यह परीक्षण सुनिश्चित करता है कि पीसीबी और उसके सभी कंपोनेंट्स सही तरीके से काम कर रहे हैं और उसकी कार्यशीलता ठीक है।
- इसमें सॉफ्टवेयर और फर्मवेयर टेस्टिंग भी शामिल हो सकती है।
फ्लाइंग प्रॉब टेस्टिंग (Flying Probe Testing)
- यह परीक्षण उन पीसीबी के लिए उपयोग किया जाता है जिनकी उत्पादन मात्रा कम है।
- फ्लाइंग प्रॉब मशीनें पीसीबी के ट्रेस और कंपोनेंट्स की जांच के लिए प्रॉब्स का उपयोग करती हैं जो उच्च गति पर चलती हैं।
- यह टेस्ट ICT के समान होता है लेकिन इसे सेटअप करना सरल और तेज़ होता है।
बर्न-इन टेस्ट (Burn-In Test)
- बर्न-इन टेस्ट में पीसीबी को उच्च तापमान और वोल्टेज के तहत लंबे समय तक चलाया जाता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि पीसीबी लंबे समय तक स्थिरता और विश्वसनीयता प्रदान कर सके।
- इस टेस्ट से संभावित अस्थिर या दोषपूर्ण कंपोनेंट्स का पता चलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
पीसीबी परीक्षण प्रक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि पीसीबी सही ढंग से काम कर रहा है और किसी भी प्रकार की त्रुटि या दोष नहीं है। विभिन्न परीक्षण विधियाँ उपयोग में लाई जाती हैं, जो पीसीबी की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बनाए रखने में मदद करती हैं। यह प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अंतिम गुणवत्ता और प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
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