नमस्कार दोस्तों ,अपने कही न कही तो Embedded System का नाम तो सुना ही होगा। हो सकता है होने इसे देखा भी हो और पढ़ा भी हो। अगर नहीं तो चलिए आज की इस Post में हम आपको बताते है की ये क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
एक स्मार्टफोन Use कर रहे हैं, या फिर अपने घर में एसी, वॉशिंग मशीन, यहां तक कि Microwave Oven इस्तेमाल कर रहे हैं। इन सभी चीज़ों के पीछे जो टेक्नोलॉजी काम करती है। उसे ही हम Embedded System कहते हैं। असल मे ये एक तरह का छोटा Computer होता है। जो एक बड़े सिस्टम का हिस्सा बनकर खास काम करता है।
सीधे शब्दों में कहें तो Embedded System एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होता है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का कॉम्बिनेशन होता है। इसे किसी खास कार्य को करने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। यह दिखने में छोटा होता है। लेकिन अपने काम में बहुत Powerful होता है।
Embedded System कैसे काम करता है?
अभी अगर आपको समझना है कि Embedded System में क्या-क्या होता है तो पहले इसके कुछ मुख्य Components को देख लेते हैं
Microcontroller या Microprocessor
- Example- ATMega328, ARM Cortex, या फिर Raspberry Pi जैसी चिप्स। यह पूरे सिस्टम का दिमाग है। एक छोटा सा चिप होता है जो सारा काम संभालता है। Microcontroller में CPU, RAM, ROM और I/O Ports सब कुछ एक ही चिप में होता है।
Memory
- हर सिस्टम को कुछ डेटा और कोड स्टोर करने के लिए मेमोरी चाहिए होती है। जैसे की RAM और ROM। RAM में रन-टाइम डेटा प्रोसेस होता है और ROM में कोड स्टोर रहता है जिसे ये फॉलो करता है
Sensors और Actuators
- Sensors बाहर के वातावरण से डेटा लेते हैं जैसे कि तापमान, प्रकाश, गति आदि, और Actuators इसी डेटा के आधार पर मशीन को कंट्रोल करते हैं जैसे- मोटर चलाना या फिर लाइट ऑन करना।
Communication Interfaces
- कभी सोचा है कि टीवी का रिमोट टीवी से कैसे कनेक्ट होता है? यह Communication Interface की मदद से होता है, जैसे UART, SPI, I2C आदि।
Embedded System के प्रकार
अब चलिए समझते हैं कि Embedded Systems के कितने प्रकार होते हैं और कौन कहां Use होता है
Small Scale Embedded System
- ये छोटे-छोटे कामों के लिए होते हैं, जैसे रिमोट कंट्रोल, डिजिटल वॉच, या फिर होम अप्लायंसेस। यह सिम्पल और कम पावर वाले होते हैं।
Medium Scale Embedded System
- इनमें थोड़ा ज्यादा Processing Power और Complexity होती है। जैसे—राउटर्स, म्यूजिक प्लेयर, या फिर गाड़ियों में लगे ECU सिस्टम।
Sophisticated Embedded System
- ये काफी Advance हैं और बड़ी मशीनों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे एरोस्पेस, डिफेंस या फिर मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स में इस्तेमाल होने वाले सिस्टम।
Embedded System के फायदे
Real-Time Operations
- मतलब की यह तुरंत रिस्पॉन्ड करता है, जैसे- कार का Airbag। एक्सीडेंट होने पर एक सेकंड से भी कम समय में यह एक्टिवेट हो जाता है।
Low Power Consumption
- Embedded Systems बहुत कम पावर में भी अच्छे से काम कर सकते हैं। जैसे आपके स्मार्टवॉच या फिर फिटनेस बैंड्स, जिनकी बैटरी लंबे समय तक चलती है।
छोटा साइज और Cost Effective
- इनके छोटे साइज और कम कीमत की वजह से इन्हें बड़ी-बड़ी मशीनों में फिट करना आसान होता है। इससे मशीन की कॉस्ट भी कम हो जाती है।
Reliable Performance
- इन सिस्टम्स को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि ये बहुत ही भरोसेमंद होते हैं। जैसे आपके टीवी में लगे सिस्टम को ही ले लो। सालों-साल एक ही फंक्शन को अच्छे से परफॉर्म करता रहता है।
Embedded Systems के उपयोग
अब यह समझते हैं कि इन्हें कहाँ-कहाँ और कैसे यूज किया जाता है:
ऑटोमोबाइल्स (Cars और Bikes)
- आजकल की सभी गाड़ियों में Embedded Systems होते हैं जैसे ABS (Anti-lock Braking System), Airbags और इंजन कंट्रोल।
मेडिकल डिवाइसेस
- एक्स-रे मशीन, ECG मशीन, और यहां तक कि इंसुलिन पंप भी Embedded Systems पर ही काम करते हैं। ये रीयल-टाइम डेटा को प्रोसेस करके तुरंत एक्शन लेते हैं।
होम अप्लायंसेस
- माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर ये सबके सब Embedded Systems के बेस्ट Examples हैं जो आपके लाइफ आसान बनाते हैं।
इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन
- फैक्ट्रियों में रोबोटिक आर्म्स, CNC मशीनें, और कस्टमाइज्ड प्रोसेसिंग यूनिट्स सभी जगह इनका इस्तेमाल होता है, जिससे प्रोडक्शन फास्ट और एफिशिएंट हो जाता है।
Embedded Systems के Challenges
Security (सुरक्षा की समस्या)
- जितनी डिवाइस स्मार्ट होती जा रही हैं, इन्हें हैक होने का खतरा भी उतना ही बढ़ रहा है। इसलिए इन सिस्टम्स की सिक्योरिटी बहुत जरूरी है।
रीयल-टाइम प्रोसेसिंग
- कुछ एप्लिकेशन्स में टाइम-क्रिटिकल प्रोसेसिंग की जरूरत होती है. जिससे इनकी डिज़ाइन कॉम्प्लेक्स हो जाती है।
पावर और मेमोरी लिमिटेशन
- छोटे साइज और बैटरी पर चलने वाले इन सिस्टम्स के लिए पावर और मेमोरी की लिमिट एक बड़ी चुनौती होती है।
भविष्य में Embedded Systems का रोल
आने वाले समय में ये सिस्टम्स और भी ज्यादा स्मार्ट, पावरफुल, और इंटेलिजेंट होंगे। कुछ नए ट्रेंड्स जो देखने को मिल सकते हैं
IoT (Internet of Things)
- हर डिवाइस स्मार्ट और कनेक्टेड होगी जैसे स्मार्ट होम, स्मार्ट सिटीज़ और यहां तक कि हेल्थकेयर में भी IoT का बड़ा रोल होगा।
AI (Artificial Intelligence)
- AI-सक्षम Embedded Systems खुद-ब-खुद निर्णय ले सकेंगे। जैसे- सेल्फ-ड्राइविंग कार्स, रोबोटिक्स, आदि।
5G और कनेक्टिविटी
- 5G नेटवर्क के आ जाने से ये सिस्टम्स और भी तेज़ कनेक्टिविटी और कम-लेटेंसी के साथ काम करेंगे जिससे इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन और स्मार्ट सिटीज़ के नए रास्ते खुलेंगे।
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